भूमिका:
भारत विविधताओं का देश है, जहाँ अलग-अलग धर्म, जाति, पंथ, तथा लिंग के लोग आपस में मिल-जुल कर रहते हैं। अनेकता में एकता ही भारतीय संस्कृति की मूल पहचान है| भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति होने के बावजूद भी आज अपने नैतिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए हुए है|प्रेम, धर्म, राजनीति, दर्शन, भाईचारा, आदर, सम्मान, परोपकार, भलाई, मानवता आदि भारतीय संस्कृति की मुख्य विशेषताएं हैं| भारत में रहने वाले सभी लोग अपनी संस्कृति का आदर करते हैं और इसकी गरिमा को बनाए रखने में अपना सहयोग करते हैं|
किसी देश, जाति, समुदाय आदि की पहचान उसकी संस्कृति से होती है| संस्कृति देश के सभी जाति, धर्म, समुदाय को उसके संस्कारों का बोध कराती है| जिससे उन्हें अपने नैतिक मूल्यों पर चलने की प्रेरणा मिलती है और अच्छी भावनाओं का विकास होता है| विरासत में मिले विचार, कला, शिल्प, वस्तु आदि ही किसी देश की संस्कृति कहलाती है|
संस्कृति शब्द का अर्थ:
संस्कृति शब्द मुख्य रूप से संस्कार से बना हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है सुधारने अथवा शुद्धि करने वाला| वहीं चार वेदों में से एक यजुर्वेद में संस्कृति को सृष्टि कहा गया है, जो समस्त विश्व में वरण करने योग्य होती है| जीवन को समपन्न करने के लिए मूल्यों, मान्यताओं एवं स्थापनाओं का समूह ही संस्कृति कहलाता है, सीधे शब्दों में संस्कृति का सीधा संबंध मनुष्य के जीवन के मूल्यों से होता है|
विश्व की सबसे प्राचीन भारतीय संस्कृति:
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है, लेकिन आधुनिकता और पाश्चात्य शैली अपनाने के बावजूद आज भी भारतीय संस्कृति ने अपने मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखा है|
भारतीय संस्कृति क्यों है विश्व की समृद्ध सम्पत्ति:
भारतीय संस्कृति में कई अलग-अलग धर्म, जाति, पंथ आदि के लोगों के रहने के बाद भी इसमें विविधता में एकता है| भारतीय संस्कृति के आदर्श एवं मूल्य ही इसे विश्व में एक अलग सम्मान दिलवाती हैं|
भारतीय संस्कृति की विशेषताएं:
आध्यात्मिकता:भारतीय संस्कृति का मूल आधार आध्यात्मिकता है, जो कि मूल रूप से धर्म, कर्म एवं ईश्वरीय विश्वास से जुड़ी हुई है| भारतीय संस्कृति में रह रहे अलग-अलग धर्म और जाति के लोगों को अपने परमेश्वर पर अटूट आस्था एवं विश्वास है|
आपसी प्रेम एवं भाईचारा:
भारतीय संस्कृति में लोगों के अंदर एक दूसरे के प्रति प्रेम, परोपकार, सद्भावना एवं भलाई की भावना निहित है, जो इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है|
भारत में अलग-अलग धर्म, जाति, लिंग, पंथ, समुदाय आदि के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन, खान-पान एवं बोल-चाल में काफी विविधता है, लेकिन फिर भी सभी भारतीय आपस में मिल-जुल कर प्रेम से रहते हैं|
संस्कार:
भारतीय मूल के व्यक्ति की शिष्टता एवं अच्छे संस्कार जैसे बड़ों का आदर करना, अनुशासन में रहना, परोपकार एवं भलाई करना, जीवों के प्रति दया भाव रखना एवं अच्छे कर्म करना ही भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी खासियत है|
राष्ट्रीयता की भावना:
भारतीय संस्कृति में लोगों के अंदर राष्ट्रीय एकता की भावना निहित है| राष्ट्र पर जब भी कोई संकट आया है, तब-तब भारतीयों ने एक होकर इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी है|
अतिथियों का सम्मान:
भारतीय संस्कृति में अतिथियों को भगवान का रूप माना गया है| अगर कोई दुश्मन भी मेहमान बन कर आता है तो उसका आदर सत्कार करना प्रत्येक भारतीय अपना फर्ज़ समझता है|
गुरूओं का विशिष्ट स्थान:
भारतीय संस्कृति में प्राचीन समय से ही गुरूओं को भगवान से भी बढ़कर स्थान दिया गया है, क्योंकि गुरु ही मनुष्य को कर्तव्य पथ पर चलने के योग्य बनाता है और उसे समस्त संसार का बोध कराता है|
उपसंहार:
मनुष्य के अंदर जो भी गुण समाहित होते हैं, वह उसे उसकी संस्कृति से विरासत में मिलते हैं और उसे एक सामाजिक प्राणी बनाने में मदद करते हैं| भारतीय संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों, आदर्शों एवं सभी विशिष्टताओं की वजह से पूरी दुनिया में विख्यात है और दुनिया की सबसे समृद्ध संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण है जहां सभी लोग एक परिवार की तरह रहते हैं|
धन्यवाद, आपका दिन मंगलमय हो.... भगवान भला करे!!!! 💖💖💖
Thanks, Have a Good Day..... God Bless!!!! 💖💖💖
Ultimate , bohottt Sundar Vyakhyaa.
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